एनपीएस वात्सल्य योजना के शुभारंभ के दौरान एक बच्चे के साथ केंद्रीय वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण
एनपीएस वात्सल्य योजना: केंद्र सरकार द्वारा घोषित एनपीएस वात्सल्य को लोगों से सकारात्मक प्रतिक्रिया मिली है क्योंकि इसके लॉन्च के पहले दिन लगभग 9,700 नाबालिग ग्राहक इस योजना में शामिल हुए। इस सप्ताह लॉन्च की गई यह योजना पेंशन फंड विनियामक और विकास प्राधिकरण (PFRDA) द्वारा विनियमित है। यह योजना माता-पिता और अभिभावकों को ब्याज पर ब्याज की शक्ति का उपयोग करके अपने बच्चों की सेवानिवृत्ति के लिए जल्दी बचत शुरू करने का अवसर प्रदान करती है।
एनपीएस वात्सल्य भारत के उभरते पेंशन परिदृश्य में एक अनूठी योजना है। वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने 18 सितंबर को एनपीएस वात्सल्य योजना की आधिकारिक शुरुआत की। इसकी घोषणा केंद्रीय बजट 2024-25 में की गई थी। पीएफआरडीए ने शुक्रवार को एक बयान में कहा कि एनपीएस वात्सल्य को पेशकश के पहले दिन अच्छी प्रतिक्रिया मिली। विभिन्न पॉइंट्स ऑफ प्रेजेंस (पीओपी) और ई-एनपीएस पोर्टल के जरिए 9,705 नाबालिग ग्राहक इस योजना से जुड़े। इसमें से 2,197 खाते ई-एनपीएस पोर्टल के जरिए खोले गए। यहां निवेश के लिए 3 विकल्प हैं
एनपीएस वात्सल्य में निवेश के विकल्प
माता-पिता अपने बच्चे के लिए कोई भी पेंशन फंड चुन सकते हैं, जो PFRDA के साथ पंजीकृत हो। इस योजना के तहत निवेश के लिए 3 विकल्प उपलब्ध हैं-
- सक्रिय विकल्प: इस विकल्प में, माता-पिता 75% तक इक्विटी में या 100% तक कॉर्पोरेट ऋण में या 100% तक सरकारी बांड में या 5% तक अन्य परिसंपत्तियों में निवेश कर सकते हैं।
- स्वतः विकल्प: इस विकल्प में माता-पिता अपनी इच्छानुसार निवेश की जाने वाली राशि को अलग-अलग जीवन चक्रों यानी LC में निवेश कर सकते हैं। इसमें माता-पिता LC-75 (आक्रामक) चुन सकते हैं, जिसमें 75% राशि इक्विटी में जाएगी। LC-50 (मध्यम) में 50% और LC-25 (रूढ़िवादी) में 25% राशि इक्विटी में जाएगी।
- डिफ़ॉल्ट विकल्प: इस विकल्प में निवेश की जाने वाली राशि का 50% इक्विटी में जाएगा।
एनपीएस वात्सल्य योजना के बारे में विवरण
इस एनपीएस वात्सल्य योजना में बच्चे के नाम पर न्यूनतम 10,000 रुपये सालाना से खाता खोला जा सकता है। इसमें निवेश की कोई अधिकतम सीमा नहीं है। यह योजना 3 साल की निर्धारित अवधि के साथ आती है। उस अवधि के खत्म होने के बाद, अगर बच्चा 18 साल से कम उम्र का है, तो उसकी शिक्षा, बीमारी और विकलांगता जैसी परिस्थितियों में कुल योगदान का 25% तक निकाला जा सकता है। इस तरह से अधिकतम 3 बार ही पैसे निकाले जा सकते हैं। यह खाता बैंक, पोस्ट ऑफिस, ऑनलाइन प्लेटफॉर्म या ई-एनपीएस के ज़रिए खोला जा सकता है।
18 वर्ष की आयु पूरी होने के बाद बच्चे के NPS वात्सल्य खाते को नियमित NPS खाते में बदला जा सकता है। फिर, बच्चा चाहे तो अपना NPS खाता जारी रख सकता है। 18 वर्ष के बाद खाते में जमा कुल राशि का कम से कम 80% एन्युटी प्लान में चला जाएगा और शेष 20 प्रतिशत राशि एकमुश्त निकाली जा सकती है।
इस तरह अगर माता-पिता अपने बच्चे के NPS वात्सल्य खाते में 18 साल तक सालाना 10,000 रुपये जमा करते हैं तो 10% के अनुमानित रिटर्न पर 5 लाख रुपये का फंड जमा हो जाएगा। अगर यह निवेश निवेशक की उम्र 60 साल होने तक जारी रहता है तो 10% रिटर्न के हिसाब से 2.75 करोड़ रुपये का फंड जमा हो जाएगा।
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